जीवन समेटा नहीं जा सकता जोड़, घटा, गुणा, भाग के समीकरणों में। जीवन समेटा नहीं जा सकता जोड़, घटा, गुणा, भाग के समीकरणों में।
खाया मैंने दोनों को मुझे भरपूर मज़ा आया। खाया मैंने दोनों को मुझे भरपूर मज़ा आया।
माघ महीने की देखो शान, भारत की है यही पहचान ! माघ महीने की देखो शान, भारत की है यही पहचान !
यहीं, इसी धरा पर, मिट कर ही चुकाना होगा ! यहीं, इसी धरा पर, मिट कर ही चुकाना होगा !
पर बूझाना भी चाहे तो और जल जाऊंगी यकीन नहीं तो कर ले तू थोड़ी प्रतिक्षा, अग्नि से उलझने वाले तेरी ... पर बूझाना भी चाहे तो और जल जाऊंगी यकीन नहीं तो कर ले तू थोड़ी प्रतिक्षा, अग्नि...
बैठकी और वो चबूतर, गोलियों के शोर में भी बैठकी और वो चबूतर, गोलियों के शोर में भी